शनिवार, 4 अप्रैल 2009

दिल में जलने का अरमान न रह जाए! चार लाइन!

के बात कुछ तो आज हो ही जाए,
कभी हम हँसे और कभी वो मुस्कुराये,
हो अगर सितम दिल पर, चलो ये भी सही,
के दिल में जलने का अरमान, रह न जाए।

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