शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009

फिर बनके आंसू उनकी पलकों में शब् काटी। त्रिवेणी की कोशिश!



इंतज़ार कल फिर किया उनका,
और उनसे मुलाक़ात भी की,
!
!
!
फिर बनके आंसू उनकी पलकों में शब् काटी।

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